ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है (Operating System in Hindi)

Operating System and its types in Hindi: ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो आपके कंप्यूटर, स्मार्टफोन या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उपयोग करने और उसको मेनेज करने में मदद करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच संचार स्थापित करता है। इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम अन्य दूसरे काम भी करता है जैसे कि सिस्टम यूजर इंटरफेस, मेमोरी मैनेजमेंट, फाइल मैनेजमेंट आदि। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि Operating System एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो कि किसी भी कंप्यूटर का पूरा मेनेजमेंट संभालता है और इसके सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन सही तरह से चलाने में मदद करता है।

Operating System in Hindi

ऑपरेटिंग सिस्टम के फीचर्स- Features of Operating System

ऑपरेटिंग सिस्टम के निम्न फीचर्स होते हैं

1. यूजर इंटरफेस (User Interface)

ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता जो आपको एक यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस प्रदान करता है। जिसकी मदद से आप किसी भी डिवाइस को अपने कंट्रोल में कर सकते हैं। इसके साथ ही यह ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) या कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) भी प्रदान करता है।

2. मेमोरी मेनेजमेंट (Memory Management)

  मेमोरी मेनेजमेंट भी ऑपरेटिंग सिस्टम का एक प्रमुख फीचर है। OS सिस्टम में RAM और वर्चुअल मेमोरी का उपयोग करके प्रोग्राम और डेटा को सही तरीके से allocated और Managed करता है।

3. फाइल सिस्टम (File System)

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में अपनी फाइल और फोल्डर को व्यवस्थित करने के लिए फाइल सिस्टम (File system) प्रदान करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद से आप कम्पुटर में फाइल और फोल्डर बना सकते हैं उन्हें संसोधित कर सकते हैं। इसके साथ ही आप उन्हें जरूरत पड़ने पर एक्सेस और जरूरत न होने पर डिलीट भी कर सकते हैं।

4. डिवाइस ड्राइवर (device Driver)

ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कि डिवाइस ड्राइवर को मेनेज करता है,  जिससे कि डिवाइस जैसे प्रिंटर, स्कैनर, और कीबोर्ड के सही तरह से कम्युनिकेशन हो सके। डिवाइस ड्राइवर ऐसे सॉफ्टवेयर होते है जो कि डिवाइस को identify करते हैं और उन्हें ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ काम करने में मदद करते हैं।

5. सुरक्षा (Security)

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर की सुरक्षा का भी ध्यान रखता है। कई ऑपरेटिंग सिस्टम में फ़ायरवॉल, और एंटीवायरस जैसे फीचर्स भी शामिल होते हैं जो कि आपके कंप्यूटर और उसमे उपलब्ध डेटा को सुरक्षित रखते हैं।

6. मल्टीटास्किंग (Multitasking)

मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम का एक बहुत ही खास फीचर है जिसकी मदद से अआप कंप्यूटर पर एक ही साथ कई सारे प्रोग्राम पर काम कर सकते हैं।          

 7. नेटवर्किंग (networking)

ऑपरेटिंग सिस्टम आपको सिस्टम में कई सारी नेटवर्किंग सुविधाएँ प्रदान करता है। इसकी मदद से आप अपने सिस्टम को नेटवर्क से जोड़ सकते हैं। इसकी मदद से आप कंप्यूटर पर इंटरनेट चला सकते है और डाटा शेयरिंग जैसे काम कर सकते हैं।

ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम (operating system name in hindi)

 1. विंडोज (Windows)

windows एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित किया गया। विंडोज एक बहुत अच्छा ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे पर्सनल कंप्यूटर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। विंडोज यूजर को ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्रदान करता है और इसमें आप कई सारे सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल आकर सकते हैं। बता दें कि windows अब तक कई सारे OS लांच कर चुका है जिसमे से सबसे ज्यादा पोपुलर window XP, Windows 7, windows 10 और windows 11 हैं।

2. macOS

इस ऑपरेटिंग सिस्टम को Apple के द्वारा विकसित किया गया है। आपको बता दें कि windows की तरह यह भी यूजर को ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्रदान करता है।

3. लिनक्स (linux)

लिनक्स एक ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका उपयोग मुख्य रूप से सर्वर में किया जाता है। windows की तुलना में linux एक ज्यादा secure ऑपरेटिंग सिस्टम है। windows की तरह linux के भी कई सारे वर्जन हैं जिनमे से कुछ प्रसिद्ध के नाम उबंटू, फेडोरा, और डेबियन है।

4. एंड्रॉइड (Android)

एंड्रॉइड (Android) एक ऐसा os है जो कि मुख्य रूप से मोबाइल और टैबलेट डिवाइस के लिए विकसित किया गया था। यह गूगल कंपनी के द्वारा बनाया गया एक ऑपरेटिंग है जो कई सारे application को सपोर्ट करता है। आजकल एंड्रॉइड को स्मार्ट टीवी और कार प्लेयर के अलावा कई सारी डिवाइस में इस्तेमाल किया जाने लगा है।

 5. आइओएस (iOS)

आइओएस (iOS) एक ऐसा OS है जो कि iPhone, iPad और iPod Touch डिवाइसेज़ पर इस्तेमाल किया जाता है। यह यूजर को एक बहुत ही रिच इंटरफ़ेस प्रदान करता है। iOS अपने यूजर को अच्छी सुरक्षा भी प्रदान करता है।

6. यूनिक्स (unix)

यह एक  मूल मल्टीटास्किंग और मल्टी-यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है। जिसे 1960 और 1970 के दशक में विकसित किया गया था। आपको बता दें कि यूनिक्स (unix) का उपयोग मुख्य रूप से सर्वर और शक्तिशाली कंप्यूटर सिस्टम में किया जाता है।

यूनिक्स: यूनिक्स एक मूल मल्टीटास्किंग और मल्टी-यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसका विकास 1960 और 1970 के दशक में हुआ यह प्रमुख रूप से सर्वर और शक्तिशाली कंप्यूटर सिस्टम में इस्तमाल होता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप और प्रकार (Types of Operating Systems in Hindi)

 1. बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (batch operating system)

बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (batch operating system)

बैच ऑपरेटिंग सिस्टम में task को batch के रूप में execute किया जाता है। इसके लिए यूजर को पहले batch files  तैयार करनी होती हैं। फिर बाद में फाइल्स को एक साथ प्रोसेस किया जाता है। इस OS में यूजर इंटरेक्शन कम होता है और इसमें काम को आटोमेटिक किया जाता है।

2. मल्टी-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi-tasking operating system)

मल्टी-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम में एक साथ मल्टीप्ल task को हैंडल किया जाता है। इसमें प्रोसेसर समय समय पर task को switch करता है जिससे यूजर को ऐसा लगता है कि सभी task एक साथ चल रहें हैं। इससे यूजर को एक बहुत ही सहज अनुभव प्राप्त होता है।

3. टाइम-शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time-Sharing Operating System)

टाइम-शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time-Sharing Operating System)

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि इस ऑपरेटिंग सिस्टम में समय को बांट दिया जाता है। आपको बता दें कि टाइम-शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में CPU को अलग-अलग यूजर्स के बीच में बांट दिया जाता है। इसमें हर यूजर को CPU का उपयोग करने के लिए एक समय मिलता है। इसमें  इंटरएक्टिव यूजर इंटरफेस और मल्टीटास्किंग भी होता है।

4. डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम ( Distributed Operating System)

डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम ( Distributed Operating System)

डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम में एक नेटवर्क पर कंप्यूटर को एक साथ मेनेज किया जाता है। आपको बता दें कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर को सुरक्षित तरीके से resources शेयर करने की permission प्रदान करता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, स्केलेबिलिटी और फॉल्ट टॉलरेंस प्रदान करता है।

5. मल्टी-प्रोग्रामिंग सिस्टम (Multi-programming system)

मल्टी-प्रोग्रामिंग सिस्टम में एक साथ कई प्रोग्रामों को execute किया जाता है। इसमें प्रत्येक प्रोग्राम के लिए सीपीयू को allocate किया जाता है और हर प्रोग्राम को अलग अलग समय दिया जाता है। जिसमे एक प्रोग्राम को execute करते समय दूसरे प्रोग्राम को इंतजार करना होगा है। आपको बता दें कि इससे सीपीयू का उपयोग और प्रदर्शन बढ़ता है।

 6. मल्टी-प्रोसेसिंग सिस्टम (multi-processing system)

मल्टी-प्रोसेसिंग सिस्टम एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जिसमें कि एक से अधिक यानी मल्टीपल प्रोसेसर का उपयोग होता है। यह प्रोसेसर अलग-अलग task को एक साथ execute कर सकते हैं। इससे सिस्टम की प्रोसेसिंग पॉवर और परफॉरमेंस बढती हैं।

7. रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (real-time operating system)

रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा OS होता है जिसे ‘रीयल-टाइम’ task को पूरा करने के लिए किया जाता है। रियल-टाइम task वे होते हैं जिन्हें एक निश्चित समयावधि के अन्दर ही पूरा किया जाना चाहिए। कार्य समय पर पूरा न होने पर उस कार्य की परिणाम की गुणवत्ता कम या खराब हो जाती है। रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (real-time operating system) का उपयोग  सबसे ज्यादा एंबेडेड सिस्टम (embedded systems) और रियल-टाइम एप्लिकेशन (real-time applications) में किया जाता है।

8. नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम (network operating system)

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह ऑपरेटिंग नेटवर्क पर कई सारे कंप्यूटर को कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिसमे सभी कंप्यूटर के बीच नेटवर्क पर फाइल शेयरिंग ( file sharing), प्रिंटर शेयरिंग (printer sharing) और नेटवर्क रिसोर्सेज का मैनेजमेंट किया जा सकता है।

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